प्रेम के इस------की बरकत यह थी कि दो-दो गाल सूखा भूसा खाकर भी दोनों दुर्बल न होते थे ।paat do balo ki khata
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what is the quotation I didn't get it
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प्रेम के प्रसाद की है बरकती की 22 गाल सूखा भूसा खाकर भी दोनों दुर्बल ना होते थे मगर दोनों की आंखों में रोम रोम में विद्रोह भरा हुआ था इनके संदर्भ प्रसंग व्याख्या
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