Math, asked by kushwasanjay60873, 4 months ago

'प्रेमी को प्रेमी मिले, सब विष अमृत होई । काव्यांश में विष और अमृत किसका प्रतीक

Answers

Answered by mrashokpandey
605

प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से श्री कबीर जी ने ये बताया हैं कि जब मनुष्य सच्चे मन से ईश्वर को ढूंढ लेता हैं, तो मनुष्य के मन में जितने भी विष रूपी बुरी या जितनी भी कुरीतिया होती हैं वो दूर हो जाती हैं और उस मनुष्य के मन में अमृत समान अच्छी आदतें,अच्छे गुण और अच्छी रीतियों के भाव उत्पन्न हो जाते हैं।

Answered by bhatiamona
43

'प्रेमी को प्रेमी मिले, सब विष अमृत होई । काव्यांश में विष और अमृत किसका प्रतीक

यह प्रश्न सखियाँ और शब्द पाठ से लिया गया है|

पंक्ति में विष मानव के मन में छिपे हुए पापों, बुराइयों , वासनाओं, अत्याचार करने वाले लोगों का प्रतीक माना गया है|

पंक्ति में अमृत का प्रयोग पुण्य , मुक्ति , भक्ति , प्रेम , दया , सद्भावना ,अच्छे कर्मों के प्रतीक के रूप में माना गया है|

Similar questions