प्र९: - मिलिजित काव्यांश को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
छाया मत छूना
मन, होगा दुख दूना
दुविधा-हत साहस है, दिखता है पंथ नहीं,
देह सुखी हो पर मन के दुख का अंत नहीं
दुख है न चाँद खिला फूल रस-वसंत जाने पर,
क्या हुआ जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर?
जो न मिला भूल उसे कर तू भविष्य वरण,
छाया मतना
मन, होगा दुख दूना
1 koi marg dikhai nahi deta kavi n Aisa kyu kha
2 samay beet jaane pr phool k khilne s kis baat ki aur sanket kiya gya h
3 chaand k bina sharad raat Jeevan ki kis sthiti ko prakat krti h
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Explanation:
अगर हम समय पर ही अपना काम करते हैं तो समय पर ही फुर्सत मिलती है
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