प्रा. मिलिकिन महाश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए। (1x5 -5)
विद्यार्थी जीवन को मानव-जीवन की रीढ़ की हड्डी कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। विद्यार्थी काल में बालक में जो संस्कार
पर जाते हैं. जीवनभर वही संस्कार अमिट रहते हैं। इसीलिए यही काल आधारशिला कहा गया है। यदि यह जीव दुङ बन जशी
है जो जीवन सदर और सुखी बन जाता है। यदि इस काल में बालक का सहन कर लेता है तो उसका स्वास्या सुंदर जस्ता है।
यदि मन लगाकर अध्ययन कर लेता है तो उसे हार मिलता है, उसका मानसिक विकास होता है। जिस वृक्ष को प्रारंभ से सुंदर
शिकन और खाद मिल जाती है, वह पुचित एवं पल्लवित होकर संसार को सौरभ देने लगता है। इसी प्रकार विद्यार्थी काल में
जो बालक बम, अनुशमान एवं समय नियमन के साँचे में ढल जाता है वह आदर्श विद्यार्थी बनकर सभ्य नागरिक बन जाता है।
बाध्य नागरिक के लिए जिन-जिन गुणों की आवश्यकता है, सकुयों के लिए विद्यार्थी काल ही तो सुंदर पाठशाला है। यहाँ पर
अपने साथियों के बीच रहकर वे सभी गुण आ जाने आवस्यक है, जिनकी विद्यार्थी को अपने जीवन में आवश्यकता होती है।
संसार को सौरभ देने का अर्थ है
(क) संसार में सुगंध फैलाना
(4) मांसार को सुगंधित द्रव्य देना
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संसार में सुगंध फैलाना।।।।।।।।।।।।।।।।
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