Hindi, asked by shifakhan4313, 9 months ago

प्रेम-माधुरी
रतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा रचित 'प्रेम-माधुरी' से अवतरित किया गया है। इसमें
मारग प्रेम को को समुझै ‘हरिचन्द' यथारथ होत यथा है।
लाभ कछू न पुकारन में बदनाम ही होन की सारी कथा है।
जानत है जिय मेरौ भली बिधि औरु उपाइ सबै बिरथा है।
बावरे हैं ब्रज के सिगरे मोहिं नाहक पूछत कौन बिथा है।।।
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Answers

Answered by gauri3077
1

Answer:

sry just gathering points....

Answered by Anonymous
3

Answer:

please try to follow me please

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