Hindi, asked by riyandave9, 1 month ago

'प्रेम संबंध किसी धर्म, जाति और सीमा के पाबंद नहीं होते।' 'तताँरा-वामीरो कथा' पाठ के आधार पर अपने विचार प्रकट कीजिए।​

Answers

Answered by nishakankarwal51
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Explanation:

'प्रेम संबंध किसी धर्म, जाति और सीमा के पाबंद नहीं होते।' तताँरा – वामीरो की त्यागमयी मृत्यु ने यह साबित कर दिया था बाद में निकोबार में यह परिवर्तन आया कि निकोबारी दूसरे गाँव से भी आपसी वैवाहिक संबंध रखने लगे

रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें, तब वास्तव में उनका टूट जाना ही उचित है तथा इनमें परिवर्तन करना श्रेयस्कर होता है, क्योंकि रूढ़ियाँ व्यक्ति को बंधनों में जकड़ लेती हैं, जिससे व्यक्ति का विकास होना बंद हो जाता है। इनके टूट जाने से व्यक्ति के दिलो-दिमाग पर छाया बोझ हट जाता है। व्यक्ति की उन्नति तथा स्वतंत्रता हेतु इन रूढ़ियों को तोड़ देना चाहिए, नहीं तो ये हमारी उन्नति में बाधक बनकर खड़ी रहेंगी।

Answered by Chaitanya1696
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पाठ ततारा-वामीरो कथा' के आधार पर प्रेम का संबंध किसी जाति, धर्म या सीमा से बंधा हुआ नहीं है, इस कथन के विचार इस प्रकार हैं:

  • ततारा पासा गाँव में रहता था और वह एक साहसी, रूपवान और नेकदिल युवक था।
  • वामीरो लपटी गांव में रहता था I
  • लपाटी गांव की यह परंपरा थी कि गांव के युवक-युवतियां विवाह अपने ही गांव के लोगों से ही कर सकते थे, किसी और गांव के लोग नहीं कर सकते थे।
  • एक शाम जब ततारा समुद्र के किनारे टहल रहा था, उसने एक मधुर गीत सुना और वहाँ गया जहाँ उसने वामीरो को देखा और उसे उससे प्यार हो गया।
  • वामीरो भी ततांरा को उसी तरह प्यार करता था।
  • वामीरो को अपने गांव की परंपरा जानने के बावजूद दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। गांव के लोगों ने आपत्ति की लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी वे एक-दूसरे से प्यार करते रहे।
  • ऊपर पंक्तियां से स्पष्ट है कि रीति-रिवाजों का बंधन प्रेम की राह में बाधक नहीं बन सकता।

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