प्रेमचंद | 21
ब
7. गाँव से शहर जानेवाले रास्ते के मध्य पड़नेवाले स्थलों का ऐसा वर्णन लेखक ने किया है
मानो आँखों के सामने चित्र उपस्थित हो रहा हो। अपने घर और विद्यालय के मध्य
पड़नेवाले स्थानों का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
8. 'बच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था। बुढ़िया अमीना बालिका अमीना बन ग
इस कथन में 'बूढ़े हामिद' और 'बालिका अमीना' से लेखक का क्या आशय है?
कीजिए।
9. 'दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ देती जाती थी और आँसू की बड़ी-बड़ी बूंदें गि
थी। हामिद इसका रहस्य क्या समझता!' - लेखक के अनुसार हामिद अमीना
और आँसुओं के रहस्य को क्यों नहीं समझ पाया? कहानी के आधार पर स
हामिद की जगह आप होते तो क्या करते?
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Answer:
प्रश्न 7:हामिद के चिमटे की उपयोगिता को सिद्ध करते हुए क्या-क्या तर्क दिए?
उत्तर : हामिद ने चिमटे की उपयोगिता को सिद्ध करने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए-
(क) खिलौने जल्दी नष्ट हो जाते हैं मगर चिमटे का कुछ नहीं बिगड़ेगा। यह चलता रहेगा।
(ख) दादी चिमटा देखकर उसको लाखों दुआएँ देगीं। उसे स्नेह से गले से लगा लेगीं और लोगों के पास उसकी तारीफ करेगीं।
(ग) गर्मी, सर्दी, बारिश इत्यादि में इसका कुछ नहीं बिगड़ेगा।
(घ) चिमटे का प्रयोग कई रूप में हो सकता है। यह खिलौने के रूप में, रोटियाँ सेकने के लिए तथा हाथ में मजीरे के समान प्रयोग में लाया जा सकता है।
प्रश्न 8: गाँव से शहर जानेवाले रास्ते के मध्य पड़नेवाले स्थलों का ऐसा वर्णन लेखक ने किया है मानो आँखों के सामने चित्र उपस्थित हो रहा हो। अपने घर और विद्यालय के मध्य पड़नेवाले स्थानों का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर : मेरे घर और विद्यालय के मध्य 5 किलोमीटर का फासला है। मैं सरकारी कॉलोनी में रहता हूँ। ये दो मंजिला वाली छोटी इमारतों का समूह हैं। इसके मध्य में हमारे इलाके का मुख्य बाज़ार पड़ता है। हम अपने मकान की गली से निकलकर इस मुख्य बाज़ार की सड़क पर पहुँच जाते हैं। इसके दोनों ओर आमवाले तथा केलेवाले ठेला लगाकर बैठे रहते हैं। गली से दाँई और मुड़ने पर मुख्य सड़क आती है। इसकी एक ओर छोटे-छोटे ढाबे बने हुए हैं। जहाँ पर बाज़ार में काम करने वाले मज़दूर दोपहर के समय खाना खाने आते हैं। हम जब सुबह जाते हैं, तो यह सब सुनसान होता है। लेकिन विद्यालय से लौटते समय यहाँ पर बहुत भीड़ होती है। कुछ दूरी पर जाने पर हमें फिर दाँई और जाना पड़ता है, जिससे एक और मुख्य सड़क आती है। यह मुख्य सड़क बहुत लंबी है। इसके दोनों और सरकारी कॉलोनियों की कतारें हैं। इसी सड़क पर आगे चलकर बाँई और एक माता का गुलाबी रंग का मंदिर है। उस मंदिर के बाहर पानी का बरमा बना हुआ है। बच्चे प्रायः इसे चलाकर भाग जाते हैं। आगे चलने पर इसी सड़क के ऊपर एक बहुत बड़ा पुल बना हुआ है, जिस पर से गड़ियाँ गुजकर जाती हैं। यहाँ पर दोनों ओर कचौरी तथा रसगुल्ले वाले साइकिल पर अपना सामान लेकर खड़े मिलते हैं। यहाँ पर छाया होती है। अतः यह स्थान उनके आराम से बैठने के लिए उचित है। उसके 100 कदमों की दूरी पर हमारा विद्यालय आता है। यही मेरे घर से विद्यालय तक का मार्ग है।
प्रश्न 9: ‘बच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था। बुढ़िया अमीना बालिका अमाना बन गई।’ इस कथन में बूढ़े ‘हामिद’ और ‘बालिका अमीना’ से लेखक का क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : हामिद बहुत छोटा था। वह अन्य बच्चों के समान ही था। उसकी उम्र पैसे की अहमियत और घरवालों की जरूरतों को समझने की नहीं थी। उसने फिर भी यह समझा और उन पैसों को व्यर्थ में नष्ट नहीं किया। अपनी दादी के काम को सरल बनाने के लिए चिमटा खरीदा। प्रायः बच्चे खाने-पीने तथा खिलौने खरीदते समय पैसों की बर्बादी करते हैं। हामिद ने ऐसा नहीं किया। एक बड़े व्यक्ति के समान घर की ज़रूरत पर ही पैसा खर्च किया। तब वह एक बूढ़ा हामिद बन गया था। उसे अपनी ज़िम्मेदारियों का तथा घर की हालत के विषय में पता था। इधर दूसरी ओर अपने पोते द्वारा किए गए कार्य से दादी प्रसन्न हो गई। वह जहाँ दुखी थी, वहीं एक बच्चे के समान हैरान थी। अतः वह बच्चों के समान रोने लगी। वह भूल गई कि वह उम्र में हामिद से बहुत बड़ी है।