Hindi, asked by nileshpatelp492, 2 months ago

प्रेमचंद अथवा मीराबाई का साहित्य परिचय​

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Answered by AaryaPathak
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मीराबाई का जन्म सन् 1498 ई० के लगभग राजस्थान में मेड़ता के पास चौकड़ी ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम रत्नसिंह था तथा वे जोधपुर-संस्थापक राव जोधा की प्रपौत्री थीं। ... बचपन से ही मीराबाई कृष्ण की आराधिका थीं। उनका विवाह उदयपुर के राणा साँगा के पुत्र भोजराज के साथ हुआ था।

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Answered by swatijha77693
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मीराबाई की रचनाएँ

गीत गोविन्द टीक

सोरठा के पद

राग गोविन्द

नरसी जी रो मायरो।

मीराबाई की काव्य भाषा

मीरांबाई के कुछ पदों की भाषा पूर्ण रूप से गुजराती है तो कुछ की शुद्ध ब्रजभाषा। कहीं-कहीं पंजाबी का प्रयोग भी दिखाई देता है। शेष पद मुख्य रूप से राजस्थानी में ही पाए जाते हैं, इनमें ब्रजभाषा का भी पुट मिला हुआ ये चार बोलियाँ हैं- राजस्थानी, गुजराती, ब्रजभाषा और पंजाबी। इन बोलियों में मीरांबाई के पदों के उदाहरण भी देखिए -

राजस्थानी

थारी छूँ रमैया मोसूँ नेह निभावो।

थारो कारण सब सुख छोड़या, हमकूँ क्यूँ तरसावौ।।

गुजराती

मुखड़ानी माया लागी रे मोहन प्यारा।

मुखड़ँ में जोयुँ तारू सर्व जग थायुँ खारू।।

पंजाबी

आवदा जांवदा नजर न आवै।

अजब तमाशा इस दा नी।।

ब्रजभाषा

सखी मेरी नींद नसानी हो,

पिय को पंथ निहारत, सिगरी रैन बिहानी हो।

सब सखियन मिलि सीख दई मन एक न मानी हो।।

मीराबाई का भावपक्ष

मीरा भक्तिकालीन कवयित्री थी। सगुण भक्ति धारा में कृष्ण को आराध्य मानकर इन्होंने कविताएँ की ।

गोपियों के समान मीरा भी कृष्ण को अपना पति मानकर माधुर्य भाव से उनकी उपासना करती रही ।

मीरा के पदों में एक तल्लीनता, सहजता और आत्मसमर्पण का भाव सर्वत्र विद्यमान है।

मीरा ने कुछ पदों में रैदास को गुरू रूप में स्मरण किया है तो कहीं-कहीं तुलसीदास को अपने पुत्रवत स्नेह पात्र बताया है।

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