Hindi, asked by ahmadsamar823, 7 months ago

प्रेमचंद की आंखों में लेखक को क्या दिखाई देता है​

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Answered by shishir303
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प्रेमचंद की आँखों में लेखक को तीखा व्यंग और उपहास दिखाई देता है।

‘प्रेमचंद के फटे जूते’ व्यंग चित्र के माध्यम से लेखक ‘हरिशंकर परसाई’ ने प्रेमचंद के एक चित्र पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं, जो उन्होंने अपनी पत्नी के साथ खिंचवाया था। प्रेमचंद जैसे महान लेखक अपने जीवन की अंतिम अवस्था में कैसी आर्थिक विपन्नता से गुजर रहे थे, यह उनके फोटो से मालूम पड़ता है और लेखक ने इस फोटो के माध्यम से समाज की कुप्रवृत्ति पर करारा व्यंग्य किया है।

प्रेमचंद के उस चित्र में प्रेमचंद फटे हुए जूते पहने फोटो खिंचवा रहे हैं अर्थात उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि फोटो खिंचवाने के लिए कि उनके पास पहनने के लिए ढंग के जूते तक नहीं थे।

प्रेमचंद के उस चित्र को देखकर लेखक कहता है कि फोटो ही खिंचवाना तो ठीक से जूते पहन लेते। नही तो ना खिंचवाते, ना खिंचवाने से क्या बिगड़ता। शायद पत्नी का आग्रह रहा होगा और अच्छा चल भई! कह कर बैठ गए होंगे। लेकिन यह कितनी बड़ी ट्रैजिडी है कि आदमी के पास फोटो खिंचवाने को अच्छे जूते भी नहीं है। मैं तुम्हारा यह फोटो देखकर तुम्हारे को दर्द को अपने भीतर महसूस करके रो पड़ना चाहता हूँ। तुम्हारी आँखों का यह तीखा दर्द भरा व्यंग मुझे एकदम रूला देता है। मैं सोचता हूं कि यह कैसा आदमी है, जो फटे जूते पहन कर फोटो खिंचा रहा है उस पर भी दूसरों पर हँस रहा है। लेकिन तुम्हारा ये व्यंग बहुत कुछ कह रहा है।

इस व्यंग्य के माध्यम से लेखक का तात्पर्य है कि हमारा समाज कितना निर्दयी है, जो प्रेमचंद जैसी महान कलाकार तक का जीवित रहते समय सम्मान न कर सका। उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं कर पाया कि वह ढंग के जूते ले सकें। आज उनके नाम पर लोग हजारों लाखों रुपए कमाते हैं, लेकिन वही लेखक अपने अंतिम समय में एक जोड़ी ढंग के जूते के लिए तरस गए।

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