Hindi, asked by masterji04011990, 6 months ago

प्रेमचंद के बचपन की कठिनाइयों का वर्ण करो​

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Answered by shanuraj4137
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प्रेमचंद का जीवन परिचय

प्रेमचंद विषय सूची

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प्रेमचंद का जीवन परिचय

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पूरा नाम मुंशी प्रेमचंद

अन्य नाम नवाब राय

जन्म 31 जुलाई, 1880

जन्म भूमि लमही गाँव, वाराणसी, उत्तर प्रदेश

मृत्यु 8 अक्तूबर 1936

मृत्यु स्थान वाराणसी, उत्तर प्रदेश

अभिभावक मुंशी अजायब लाल और आनन्दी देवी

पति/पत्नी शिवरानी देवी

संतान श्रीपत राय और अमृत राय (पुत्र)

कर्म भूमि गोरखपुर

कर्म-क्षेत्र अध्यापक, लेखक, उपन्यासकार

मुख्य रचनाएँ ग़बन, गोदान, बड़े घर की बेटी, नमक का दारोग़ा आदि

विषय सामजिक

भाषा हिन्दी

विद्यालय इलाहाबाद विश्वविद्यालय

शिक्षा स्नातक

प्रसिद्धि उपन्यास सम्राट

नागरिकता भारतीय

साहित्यिक आदर्शोन्मुख यथार्थवाद

आन्दोलन प्रगतिशील लेखक आन्दोलन

अन्य जानकारी प्रेमचंद उनका साहित्यिक नाम था और बहुत वर्षों बाद उन्होंने यह नाम अपनाया था। उनका वास्तविक नाम ‘धनपत राय’ था। जब उन्होंने सरकारी सेवा करते हुए कहानी लिखना आरम्भ किया, तब उन्होंने नवाब राय नाम अपनाया। बहुत से मित्र उन्हें जीवन-पर्यन्त नवाब के नाम से ही सम्बोधित करते रहे।

इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

प्रेमचंद का जन्म वाराणसी से लगभग चार मील दूर, लमही नाम के गाँव में 31 जुलाई, 1880 को हुआ। प्रेमचंद के पिताजी मुंशी अजायब लाल और माता आनन्दी देवी थीं। प्रेमचंद का बचपन गाँव में बीता था। वे नटखट और खिलाड़ी बालक थे और खेतों से शाक-सब्ज़ी और पेड़ों से फल चुराने में दक्ष थे। उन्हें मिठाई का बड़ा शौक़ था और विशेष रूप से गुड़ से उन्हें बहुत प्रेम था। बचपन में उनकी शिक्षा-दीक्षा लमही में हुई और एक मौलवी साहब से उन्होंने उर्दू और फ़ारसी पढ़ना सीखा। एक रुपया चुराने पर ‘बचपन’ में उन पर बुरी तरह मार पड़ी थी। उनकी कहानी, ‘कज़ाकी’, उनकी अपनी बाल-स्मृतियों पर आधारित है। कज़ाकी डाक-विभाग का हरकारा था और बड़ी लम्बी-लम्बी यात्राएँ करता था। वह बालक प्रेमचंद के लिए सदैव अपने साथ कुछ सौगात लाता था। कहानी में वह बच्चे के लिये हिरन का छौना लाता है और डाकघर में देरी से पहुँचने के कारण नौकरी से अलग कर दिया जाता है। हिरन के बच्चे के पीछे दौड़ते-दौड़ते वह अति विलम्ब से डाक घर लौटा था। कज़ाकी का व्यक्तित्व अतिशय मानवीयता में डूबा है। वह शालीनता और आत्मसम्मान का पुतला है, किन्तु मानवीय करुणा से उसका हृदय भरा है।

पारिवारिक जीवन

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