प्रेमचंद के फटे जूते क आधार बनाकर परसाई जी ने या व्यंग लिखा आप भी किसी व्यक्ति को पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग लिखिए
Answers
Answered by
0
जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं। व्यंग्य-यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज्जत का महत्त्व सम्पत्ति से अधिक हैं।
Answered by
0
Answer:
जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं। व्यंग्य-यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज्जत का महत्त्व सम्पत्ति से अधिक हैं।
Similar questions