प्रेमचंद के फटे जूते व्यंग्य में लेखक ने उनकी
-भूषा का वर्णन किया है। आपकी दृष्टि में
-भूषा के प्रति लोगों की सोच में क्या परिवर्तन
या है? क्या वेश-भूषा के आधार पर किसी
क्ति के व्यक्तित्व तथा स्वभाव का परिचय मिल
कता है ? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
'बच्चे काम पर जा रहे हैं पाठ में बाल-श्रम की
समस्या को दिखाया गया है। भारत में बाल-श्रम'
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mai sabse khusi se milta julta aur muskurakar hailo kahta
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