.‘प्रेमचंद के फटे जूते’ व्यंग्य पाठ में प्रेमचंद ने अपनी फोटो ख ंचवाली, परंतु
ले क
कभी ऐसा न करता, क्यों ?
Answers
Explanation:
क्यो की उमेह अपनी गरी मा दिखानी थी
" प्रेमचंद के फटे जूते" व्यंग्य में प्रेमचंद ने फटे जूते पहनकर फोटो खींचवाली परन्तु लेखक हरिशंकर परसाई ऐसा कभी न करते क्योंकि उनके अनुसार प्रेमचंद जी को फोटो खिंचवाने का महत्व नहीं पता लेकिन उन्हें फोटो खिंचवाने का महत्व पता है।लेखक कहते है कि
•प्रेमचंद का एक चित्र उनके सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुरता और धोती पहने हैं। कनपटी चिपकी है, गालों की हड्डियां उभर आई हैं, पर घनी मूंछें चेहरे को भरा-भरा बतलाती हैं।
•पांवों में केनवस के जूते हैं, जिनके बंद बेतरतीब बंधे हैं। लापरवाही से उपयोग करने पर बंद के सिरों पर की लोहे की पतरी निकल जाती है और छेदों में बंद डालने में परेशानी होती है। तब बंद कैसे भी कस लिए जाते हैं।
•दाहिने पाँव का जूता ठीक है, मगर बाएँ जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है।
लेखक की दृष्टि इस जूते पर अटक गई। सोचता है फोटो खिंचवाने की अगर यह पोशाक है, तो पहनने की कैसी होगी? इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी । इसमें पोशाकें बदलने का गुण नहीं है। यह जैसा है, वैसा ही फोटो में खिंच जाता है।
•लेखक के अनुसार प्रेमचंद में दिखावा नहीं , फटे जूते के जरिए प्रेमचंद जी ने बनावटी दुनिया पर व्यंग्य कसा है।