प्रेमचंद के फटे जतूे - महात्मा गांधी केसादा जीवन तथा वेशभषूा परियोजना
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असहयोग आंदोलन का जमाना था प्रेमचंद गंभीर रूप से बीमार थे. यह तंगी दी थी, बावजूद इसके गांधीजी के भाषण के प्रभाव में उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया था
महात्मा गांधी का सादा जीवन तथा वेशभषूा : - महात्मा गांधी जी का जीवन बहुत सादा था। वह धोती पहना करते थे। हाथ में लाठी रहती थी। और चेहरे पर चश्मा लगाते थे। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ । उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था । महात्मा गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी था । 13 साल की उम्र में उनका विवाह कस्तूरबा गांधी के साथ हुआ था ।
प्रेमचंद के फटे जतूे पाठ के आधार पर भारत के महान लेखकों में विडंबना रही की महान साहित्यकार प्रेमचंद जी के पास पहनने को फटे जूते हैं।
प्रेमचंद्र जी हिंदी के महान भारतीय लेखकों में से एक थे। प्रेमचंद जी का जन्म वाराणसी के निकट लमही गांँव में 31 जुलाई 1880 को हुआ। इनके पिता का नाम मुंशी अजायबराय और माता का नाम आनंदी देवी था। इनका मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। इनको नवाबराय कह कर भी बुलाते थे। इनकी शिक्षा का आरंभ उर्दू, फारसी से हुआ। प्रेमचंद जी का पहला उपलब्ध लेखन उर्दू उपन्यास 'असरारे मआबिद' है। इनका दूसरा उपन्यास 'हमखुर्मा व हमसवाब' है इसका हिंदी रूपांतरण 'प्रेमा' नाम से 1907 में प्रकाशित हुआ। प्रेमचंद्र जी का निधन 8 अक्टूबर 1936 में हुआ।
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