Hindi, asked by onkarshinde53, 4 months ago

प्रेमचंद के फटे ितू

ेपाठ मेंवणणयत टीला िब्द सामाजिक क

ुरीनतयों

का प्रतीक है। समझाइए।​

Answers

Answered by radadiyashilpa943
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Explanation:

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

तुम मुझ पर या हम सभी पर हँस रहे हो, उन पर जो अँगुली छिपाए और तलुआ घिसाए चल रहे हैं, उन पर जो टीले को बरकाकर बाजू से निकल रहे हैं। तुम कह रहे हो-मैंने तो ठोकर मार-मारकर जूता फाड़ लिया, अँगुली बाहर निकल आई, पर पाँव बच रहा और मैं चलता रहा, मगर तुम अँगुली को ढाँकने की चिंता में तलुवे का नाश कर रहे हो। तुम चलोगे कैसे?

लेखक के अनुसार प्रेमचंद किन पर हँस रहे हैं?

प्रेमचंद के मुसकराने में लेखक को क्या व्यंग्य नज़र आता है?

प्रेमचंद को किनके चलने की चिंता सता रही है?

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