प्रेमचंद के किसी एक उपन्यास के किसी पांच किरदारों की विशेषता सात से आठ पंक्तियों मे बताइये
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‘प्रेमचंद’ के “गोदान” उपन्यास के प्रमुख पांच पात्रों का चरित्र-चित्रण
प्रेमचंद हिंदी के सर्वकालिक महान लेखक रहे हैं। उनका नाम लिये बिना हिंदी साहित्य की गाथा की कल्पना भी नही की जा सकती। ‘गोदान’ उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है। इस उपन्यास की लोकप्रियता का आलम ये था कि संसार की शायद ही कोई प्रमुख भाषा बची हो जिसमें इस उपन्यास का अनुवाद न हुआ हो।
होरी —
होरी ‘गोदान’ उपन्यास का मुख्य नायक है। यह भारत के किसान का प्रतिनिधित्व करता है जो हमेशा जमीदारों और दबंग लोगों द्वारा शोषित होता रहता है। होरी अपने परिवार का मुखिया है। उसके पास 5 बीघा जमीन है। परिवार में पत्नी धनिया, एक बेटा गोबर और दो बेटियां सोना और रूपा हैं। वह कमरतोड़ मेहनत करके फसल उगाता है फिर भी उसे दो वक्त का भरपेट भोजन नहीं मिल पाता है। अपनी जरूरी आवश्यकता को पूरा करने के लिए उसे समय-समय पर कर्ज लेना पड़ता है। होरी गरीब किसान है लेकिन व्यवहार कुशल है और वह भारत के आदर्श किसान का प्रतिनिधि करता है तथा किसानी को गर्व का विषय मानता है।
धनिया —
धनिया होरी की पत्नी है। वह एक आदर्श पत्नी है जो एक आदर्श भारतीय नारी का प्रतिनिधित्व करती है। वह गृहस्थी के झंझटो में इतनी दीन-हीन हो चुकी है कि मात्र छत्तीस साल की आयु में ही वृद्धा के समान लगती है। धनिया भले ही गरीब है लेकिन वह साहसी महिला है और मन में जो आए बेबाक होकर बोल देती है। गांव के लोगों उसे मुंह जोर और लड़ाकू मानते हैं। वह एक सहनशील नारी, आदर्श पत्नी व माता है जो अपनी गृहस्थी की गाड़ी चलाने के लिए हंसकर तमाम कष्ट सहती है।
गोबर —
गोबर होरी और धनिया का बेटा है। वह स्वभाव में अपने पिता से एकदम विपरीत है। अपने पिता की तरह की अन्याय को सहता नही है और अन्याय का विरोध और प्रतिकार करना जानता है। वो नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें असंतोष की भावना है।
डॉ मेहता —
डॉ मेहता विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र के अध्यापक हैं। वो एक बुद्धिजीवी व्यक्ति हैं। शहर से आए लोगों की मानसिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे एस संवेदनशील व्यक्ति और दयालु प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। वो स्पष्टवादी है और सच बोलने से नही डरते हैं। वो किसी की खुशामद करना पसंद नही करते हैं।
राय साहब —
राय साहब उन अमीर जमींदारों का का प्रतिनिधित्व करते हैं जो शोषित और जनतापीड़क होते हुए भी समाज में जनहितैषी और दयालु होने का दिखावा करते हैं। वो दोहरे चरित्र वाले व्यक्ति हैं, जो अवसरवादी हैं। वो अपने स्वार्थ के लिये कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। वो स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेकर जेल जाने का दिखावा करते है तो दूसरी ओर अंग्रेजों चापलूसी भी करते रहते हैं।