Hindi, asked by kavyakhan10, 7 months ago

प्रेमचंद की कहानियों को आदर्शउन्मुक्त यथार्थवाद क्यों कहा गया हैplzz answer the question ​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

आदर्शवाद और यथार्थवाद बीसवीं शती के साहित्य की दो प्रमुख विचार धाराएं थीं. आदर्शवाद में सत्य की अवहेलना या उस पर विजय प्राप्त कर के आदर्शवाद की स्थापना की जाती थी. जबकि यथार्थवाद में आदर्श का पालन नहीं किया जाता था, या उसका ध्यान नहीं रखा जाता था. आदर्शोन्मुख यथार्थवाद में यथार्थ का चित्रण करते हुए भी आदर्श की स्थापना पर बल दिया जाता था. इस प्रवृत्ति की ओर प्रथम महत्त्वपूर्ण संकेत प्रेमचन्द का है. उन्होंने कथा साहित्य को यथार्थवादी रखते हुए भी आदर्शोन्मुख बनाने की प्रेरणा दी और स्वतः अपने उपन्यासों और कहनियों में इस प्रवृत्ति को जीवंत रूप में अंकित किया. पर प्रेमचन्द के बाद इस साहित्यिक विचारधारा का आगे विकास प्रायः नहीं हुआ.

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Answered by kunaljha60
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Answer:

kyu ke unke kahane hum aaga kuch aacha krna ka prarna deta ha or is sa hum kuch aacha sikh sskta ha

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