प्रेमचंद की प्रमुख उपन्यास गबन की भाषा शैली long question
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प्रेमचंद की प्रमुख उपन्यास गबन की भाषा शैली:
भाषा शैली : सरलता और सपष्ट भाषा का प्रयोग किया गया है |
सजीवता का प्रयोग किया गया है |
मुहावरे- लोकोक्तियों और सूक्तियों का प्रयोग किया है |
भाषा को सुगम स्पष्ट और प्रभावपूर्ण बनाने के लिए अलंकारों का प्रयोग किया गया है |
उर्दू शब्दों का प्रयोग किया गया है |
अंग्रेजी शब्दों का भी प्रयोग किया गया है |
स्थानीय शब्दों का प्रयोग किया गया है |
गबन उपन्यास में किसी भी भाषा की कमी नहीं रही है | सभी शब्दों और भषाओं का अच्छे से प्रयोग किया है |
गबन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया एक यथार्थ वादी उपन्यास है। इस उपन्यास की कथा वस्तु अपने मूल्यों से भटकते मध्य वर्ग के जीवन का वास्तविक चित्रण करने की रही है। जिसमें कहानी की नायिका जलपा का आभूषणों के प्रति अत्यधिक लोभ दर्शाया गया है, जिसके कारण उसका पति संकट में पड़ता है। घटनाक्रम अनेक मोड़ लेते हैं, और कहानी का नायिका जलपा अपने पति को संकट निकालती भी है। इस कहानी के माध्यम से प्रेमचंद ने कहानी की मुख्य नायिका जलपा के आभूषणों के लोभी स्त्री से लेकर एक राष्ट्रनायिका बनने तक की परिणति का वर्णन किया है।
कहानी की मुख्य नायक का जलपा है, जो एक गांव के जमींदार के मुख्तार की बेटी है। उसके पिता बचपन में ही उसे तरह-तरह के आभूषण लाकर देते रहें थे, जिससे उसे बचपन से ही आभूषणों के प्रति प्रेम हो गया था और वह आभूषणों की शौकीन हो गई थी। उसका यह आभूषण प्रेम उसके युवा होने तक बढ़ता ही गया। उसका विवाह रमानाथ नाम के एक बेरोजगार युवक से हुआ विवाह के पश्चात उसके पति को नौकरी तो मिल गई लेकिन उसका पति जलपा के आभूषणों की आकांक्षाओं को पूरा करते-करते अपने कार्यालय से कुछ पैसों का गबन कर बैठता। जिसके कारण वह अपने घर को छोड़ कर चुपचाप कलकत्ता चला जाता है। जहां पर अनेक संकटों में पड़ जाता है उसकी पति पत्नी जलपा भी अपने पति की को तलाशते हुए कोलकाता पहुंचती है और फिर वह अपने पति को संकट से निकालने में मदद करती है। जलपा का आभूषणों के प्रति प्रेम भी खत्म होता है और वो एक संकट हारी नायिका के रूप में उभरती है।