प्रेमचंद्र ने समाज की किस बुराई पर व्यंग किया है
Answers
Answered by
1
Answer:
व्यंग्य-प्रेमचंद ने सामाजिक बुराइयों को अपनाना तो दूर उनकी तरफ देखा भी। नहीं। उन्होंने इनकी तरफ हाथ से भी इशारा नहीं किया। इन्हें इतना घृणित समझा कि पैर की उँगली से उसकी ओर इशारा करते हुए दूसरों को भी उससे सावधान किया।
Answered by
0
Answer:
Munci Premchand fighting again the untouchable and freedom.
This is your answer friends..... Salmønpanna
Similar questions