पुरानी घड़ी की आत्मकथा पर निबंध लिखो l
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Ghadi ki atmakatha essay in hindi
मैं एक सुंदर सी घड़ी हूं मेरा रंग लाल है, मैं दिखने में इतनी सुंदर हूं कि हर कोई मुझे अपने साथ में ले जाना चाहता है। मेरा निर्माण घड़ी की फैक्ट्री में हुआ है वहां से कुछ लोगों ने मुझे अन्य घड़ियों के साथ मे एक दुकानदार के पास भिजवा दिया।
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☯︎पुरानी घड़ी
❥︎शायद आप मुझे जानते होंगे।हर दम मैं टिक-टिक करती रहती हूँ।मेरे ऊपर 12 अंक होते हैं और मैं आपको समय बताती हूँ।अब तो आप जान ही गये होंगे-मै घड़ी।मैं हमेशा की तरह दीवाल पर टँगी थी।तभी मुझे सुनाई दिया की अब मेरा अन्तिम समय आ गया है।घर के लोग मुझे बचने के लिये कह रहे थे क्योंकि मैं बहुत पुरानी हो चुकी थी।यह सुनते ही मेरा दिल कांप उठा मन में अजीब अजीब ख्याल आने लगे।यहाँ से जाने के बाद मेरा क्या होगा।कहीं कोई मुझे तोड़ न दे।यह सोचकर दिल घबरा रहा था।सोच रही थी की सिर्फ मैं पुरानी हुई हूँ समय थोड़ी ना पुराना हुआ है।समय तो चलता ही जा रहा है।कुछ देर बाद दिल को आराम मिला।और यह सोच कर खुश हुई की मैं रहूं या न रहूं समय तो अपने रफ्तार,तेजी के साथ चलता ही जायेगा।
✈︎यह थी घड़ी की छोटी सी कहानी।⌨︎
✈︎आशा है की पसंद आयी होगी।⌨︎