प्रा. निलिखित गद्यांश को पदिए और नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर
लिखिए।
यह देख सेठ का हदय दया से भर आया-बेचारे को कई दिनों से खाना नहीं मिला है,तभी
तो यह हालत हो गई है। सेठ ने एक रोटी उठाई और टुकड़े टुकड़े कर कुत्ते के सामने डाल
दी। कुत्ता भूखा तो था ही, धीरे-धीरे सारी रोटी खा गया। अब उसके शरीर में थोड़ी जान
आती दिखाई दी।
महायज्ञ का पुरस्कार
लेखक-यशपाल जी
प्रश्न 1.उपरोक्त गद्यांश के आधार पर बताइए कि सेठ द्वारा निःस्वार्थ भाव से किया गया
कार्प क्या था?
प्रश्न 2.कुत्ते को देखकर सेठ के हृदय में कैसा भाव उत्पत्र हुआ कहानी के आधार पर
समझाकर लिखिए।)
प्रश्न 3.कुत्ते की स्थिति कैसी थी? (2)
प्रश्न 4कुत्ते की दुर्बलता को दूर करने के लिए सेठ ने क्या. किया।
(2
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adha hi hai bhai pura do
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