प्र ० १ निम्िलिखित गद्यांश को ध््यिपर्
ू
वक पढ़कर पछ
ू
े गए प्रश्िों के उत्तर लिखिएकाययका महत्त्ि और उसकी सु
िंिरता उसके समय पर सिंपादित ककए जानेपर ही है।
अत्यिंत सु
घड़ता सेककया हु
आ काययभी यदि आिश्यकता के पि
ू
यन प
ूरा हो सके तो
उसका ककया जाना ननष्फलेही होगा। चिडड़यों द्िारा खेत ि
ु
ग ललए जानेपर यदि
रखिाला उसकी सुरक्षा की व्यिस्था करेतो सियत्र उपहास का पात्र ही बनेगा।
उसके िेर सेककए गए उद्यम का कोई म
ू
ल्य नहीिं होगा। श्रम का गौरि तभी हैजब
उसका लाभ ककसी को लमल सके । इसी कारण यदि बािलों द्िारा बरसाया गया जल
क
ृ
षक की फ़सल को फलने-फ
ू
लनेमेंमिि नहीिं कर सकता तो उसका बरसना व्यथय
ही है। अिसर का सिप
ु
योग न करनेिालेव्यब्तत को इसी कारण पश्िाताप करना
पड़ता है।
(क) जीिन मेंसमय का महत्त्ि तयों है?
(ख) खेत का रखिाला उपहास का पात्र तयों बनता है?
(ग ) बािल का बरसना व्यथयहै, स्पष्ट कीब्जए|
(घ ) गद्यािंश का मख्
ु
य भाि तया है?
(ङ) उचित शीषयक ललखखए |
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ख) खेत का रखिाला उपहास का पात्र तयों बनता है|
जीिन मेंसमय का महत्त्ि तयों है?
(ख) खेत का रखिाला उपहास का पात्र तयों बनता है?
(ग ) बािल का बरसना व्यथयहै, स्पष्ट कीब्जए|
(घ ) गद्यािंश का मख्
ु
य भाि तया है?
(ङ) उचित शीषयक ललखखए |
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