प्र.निम्न गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या करें। 4 यह
कानिसटिबिल पहरा देते हैं ! तभी तुम बहुत जानते हो।
अजी हजरत, यही चोरी कराते हैं। शहर के जितने चोर-
डाकू हैं, सब इनसे मिले रहते हैं। रात को ये लोग चोरों से तो
कहते हैं, चोरी करो और आप दूसरे मुहल्ले मे जाकर
जागते रहो! जागते रहो! पुकारते हैं। तभी इन लोगों के
पास इतने रूपये आते हैं।
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