प्र.निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
दूसरों को कष्ट पहुँचाना, पीड़ा देना 'हिंसा' है। इसके विपरीत मन से, वचन से तथा कर्म से किसी भी प्रकार
से किसी को कष्ट न देना, पीड़ा न पहुँचाना 'अहिंसा' है। भारतवर्ष में बहुत से धर्म हैं। उन धर्मों में अहिंसा का
महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्रत्येक धर्म में अहिंसा का महत्त्व स्वीकार किया गया है। भारतीय धर्म और संस्कृति का
मूल आधार भी अहिंसा है। महात्मा बुद्ध, महावीर स्वामी सम्राट अशोक, महात्मा गाँधी जैसे महापुरुषों में
अहिंसा के मार्ग पर चलकर संसार को एक ऐसा ज्ञान दिया, जिसके कारण संपूर्ण मानव जाति उनकी सदैव
कृतज्ञ रहेगी। अहिंसा में एक महान शक्ति है। जिसमें लोगों को वश में कर लेने की महान शक्ति हैं। अत: हमें
सदैव अहिंसा का पालन करना चाहिए।
क) हिंसा
घ) कर्म
१. भारतीय धर्म और संस्कृति का मूल आधार क्या है?
ख) ज्ञान
ग) अहिंसा
अहिंसा का क्या अर्थ है ?
क) हिंसा न करना।
ख) मन, वचन, कर्म से किसी को पीड़ा न पहुँचना।
ग) किसी को शारीरिक चोट न पहुँचाना।
घ) धर्म का पालन करना।
३. हमें अहिंसा का पालन क्यों करना चाहिए?
क) क्योंकि धर्म में अहिंसा का महत्त्व बताया गया है।
ख) क्योंकि महापुरुषों ने ऐसा करने के लिए कहा है।
ग) क्योंकि भारतीय धर्म और संस्कृति का मूल आधार अहिंसा है।
घ) क्योकिं अहिंसा में लोगों को वश में कर लेने की महान शक्ति है।
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Answer:
- ग) अहिंसा
- क) हिंसा ना करना
- घ) क्योंकि यह हिंसा में लोगों को वश में कर लेने की महान शक्ति है।
हालांकि प्रश्न संख्या २ तथा ३ में सभी विकल्प सही है। लेकिन उन में से सबसे अच्छा उत्तर हमने चुना है।
आशा है कि इससे सहायता मिलेगी।
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