Hindi, asked by murchanatalukdar01, 5 months ago

प्र:- निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर
दीजिए -
सुखा हुआ नहीं , हरा लचीला बांस हूँ मैं
सिर्फ अपनी हद तक लचकता हूँ ,इसलिए
गिर गिर कर संभलता हूँ ! लचीला हूँ मैं
लेकिन उतना नहीं कि एक छोर से दुसरे छोर को छू लें
भूल जाऊँ अंतर करना , राम और रावण में ,
पुण्य और पाप में, दुआ और श्राप में,
लचीला हूँ उतना चरण स्पर्श करने के लिए
खुद को झूका सकूॅ जितना !! लचीला पेड़ की लचकती डाल की
तरह लचीला हूँ मैं
क) कवि ने एसा क्यों कहा कि सिर्फ अपनी हद तक लचकता हूंँ?
(ख) अत्यधिक लचीलापन क्या अवगुण उत्पन्न कर सकता है ?
(1) कविता का केंद्रीय भाव लिखिए ​

Answers

Answered by harshsolqnki2219
0

Answer:

like my answer

first follow me

and

search it in google form

Similar questions