प्रा निम्रलिखित अपठित काव्यन्या को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्री के उत्तर लिखिए-
जीवन के आपाधापी में कर वक्त मिला
कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकूँ
जो किया कहा मान उसमें क्या बुरा भला-
जिस दिन मेरी चेतना जगी मैने देखा
मैं खड़ा हुआ हूं इस दुनिया के मेले में
हर एक यहाँ पर एक भुलाने में भूला
हर एक लगा है अपनी अपनी दै-ले मैं
कुछ देर रहा हक्का-बक्का भौचक्का-सा
आ गया कहाँ क्या करू यहाँ जाऊँ किस जा ?
फिर एक तरफ से आया ही तो धक्का-सा
मैंने बहना शुरू किया उस रेले में
क्या बाहर की ठेला-पेली ही कुछ कम थी,
जो भीतर भी भावों का ऊहा पोह मचा
जो किया उसी को करने की मजबूरी थी
जो कहा वही मन के अंदर से उबल चला
जीवन की आपाधापी मैं कब वक्त मिला,
कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकू
जो किया, कहा माना उसमें व्या बुरा भला।
1.प्रकदि की किसके लिए समय नहीं मिला?
2. किस दिन कवि ने स्वयं को कहां पाया?
3. कवि ने दुनिया को क्या कहकर पुकारा?
5. उपयुक्त काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए?
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व्याकरण वह शास्त्र है जिसके द्वारा भाषा के शुद्ध स्वरुप या प्रयोग का ज्ञान होता है. व्याकरण भाषा को मानकता प्रदान करता है. आए दिन भाषा में होने वाले परिवर्तनों से बचाकर उसे स्थायी रूप प्रदान करता है. व्याकरण के नियमो का पालन करते हुए भी जीवंत भाषा सतत विकास कर सकती है. व्याकरण भाषा के नियम नहीं बनाता बल्कि सर्वप्रचलित भाषा रूप के आधार पर ही व्याकरण के नियम बनता है. व्याकरण भाषा के परिवर्तनों को स्वीकार करता है.
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