पुरानी रूढियो और पंरपराओं के पक्ष -विपक्ष में एक आलेख तैयार कीजिए।
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pahle ke jwane mei charo taraph paramparao ki purti thi. lekin aaj paramprao ko manyta dena band ho gaya hai. mujhe lagta hai ki parampara par aashrit hona achchi bat hai. kyunki parampra karne se hamei pahle ke dhrmo ki yad dilata hai. atah mei iske pakch mei hun.
thnx.
hope your help
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परम्परायेऔर रूढ़िवाद अच्छे और बुरे दोनों होते है। जैसे कि बिल्ली रास्ता काटे तोह आगे नही जाना इससे कुछ भी नही होता है सिर्फ यह मनुष्य के अंदर का डर उन्हें आगे जाने से रोकता है। हमे अपने घर के मध्य में तुलसी का पौधा लगान चाहिए जो कि एक अच्छी बात होती है क्योंकि तुलसी एक ऐसा पौधा है जो दिन रात हमे केवल ऑक्सीजन प्रदान करता है। आज हम इस संसार में इतने भयभीत होते है कि हमे अपने आप को समझ नही आता कि हम किन परंपरा का आज भी पालन कर रहे है। आज भी परंपरा के नाम पर दहेज की प्रथा चालू ही है। आज भी कुछ लोग लड़कियों को केवल घर के काम के लिए ही सीमित समझते है क्योंकि वह उन्हें आज भी बोझ ही समझते है। कुछ परमपरायें अच्छी भी होती है जैसे विवाह करना एक परंपरा है जिससे दो लोग सात जन्मों के लिए एक दूसरे से बंध जाते है , विवाह के कारण ही हम अपने सगे संबंधियों से मिल पाते है।और चारो तरफ हर्ष व उल्लास का माहौल होता है। इस संसार में न जाने कितने ही रूढ़ि और परम्परायें है जो अच्छी और बुरी दोनो होती है।
आशा करते है कि आपको इससे मदत मिलेगी।
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