पूर्ण बेलोचदार मांग किसे कहते हैंतो
Answers
Answer:
माँग का नियम यह बताता है कि वस्तु के मूल्य में परिवर्तन होने से किस मांग कि प्रवर्त्ति किस दशा में होगी लेकिन मांग का नियम यह नहीं बताता है कि वस्तु के मूल्य में अल्प परिवर्तन होने से उसकी माँग में अधिक परिवर्तन क्यों होता है, जबकि अन्य वस्तु के मूल्य में उतने ही परिवर्तन का उसकी माँग पर कुछ प्रभाव नहीं होता। इस आर्थिक घटना कि व्याख्या करने हेतु मार्शल ने अर्थशास्त्र के क्षेत्र में एक नया विचार दिया, जिसे माँग की लोच का नाम दिया|
‘लोच' से अर्थ हैं, किसी वस्तु में घुटने बढ़ने की शक्ति होने से| उदाहरण के लिए रबड़ की लोचदार कहते हैं, क्योंकि दबाव पड़ने पुर वह बढ़ जाता हैं और दबाव हटा लेने पर सिकुड़ जाता है| लोच दो बातों पर निर्भर होती है - 1. वस्तु के स्वभाव पर और 2. उस पर पड़ने वाले दबाव पर। यदि किसी वस्तु का स्वभाव लचीला नहीं है, तो बहुत दबाव पड़ने पर भी कम बढ़ेगा। यही बात वस्तुओं की माँग के सम्बन्ध में है। कुछ वस्तएँ ऐसी होती हैं कि मूल्य परिवर्तनों का उनकी माँग पर बहुत अधिक असर पड़ता है, जबकि कुछ वस्तुओं की माँग पर कम प्रभाव पड़ता है, यदि किसी वस्तु की माँग पर मूल्य के परिवर्तन का अधिक प्रभाव पड़ता है, तो उसे अर्थशास्त्र में ‘लोचदार मांग’ और यदि मांग पर मूल्य परिवर्तनों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, तो उसे 'बेलोच मॉग' कहते हैं।