पूर्णाक SU
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घरज -1 दिए गए गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
प्रसन्न मन वाला मनुष्य भाई-बहन की खुशी में खुश होता है। यही नहीं वह अपने पड़ोसियों के जलसो में भी खुशी से शामिल
होता है वह त्योहारों और मेलों को खुशी से मनाता है वह खिलाड़ी की भावना से दूसरों के दोष क्षमा कर देता है। वह समाज और देश के
बड़े-बड़े कामों में चाओसे और बड़े शौक से हिस्सा लेता है उसे जो कोई देखता है उसे प्रसन्नता मिलती है विधा और उलझन में वह
जल्दी ही रास्ता निकाल लेता है वह किसी कामको बोझ समझकर नहीं बल्कि खुशी-खुशीकरता है उसकी हसी से फूलझरते हैं वह
दूसरों को ऊंचा उठाने में सहायता करता है वह डूबतो को किनारे लगाता है
1. प्रसन्न मन वाला मनुष्य दूसरों की खुशी में क्या करता है ?
2. खेल भावना मनुष्य को क्या सिखाती है ?
3. वह किसी भी काम को कैसे करता है ?
4. रास्ता का बहुवचन लिखिए ?
5. खुशीका विलोम लिखिए ?
कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए
OHOS
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प्रसन्न मन वाला मनुष्य भाई-बहन की खुशी में खुश होता है। यही
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