Hindi, asked by aishakhan696, 1 month ago

प्राणान् त्यजति देशाय, पीडितानां सहायकः |
यः आचरति कल्याणं लोके मानं सः विन्दति।। 4 ।।​

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Answered by manishadhiman31
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Answer:

लोकसंग्रह किसको करना चाहिये और किसलिये करना चाहिये सो कहते हैं श्रेष्ठ पुरुष जोजो कर्म करता है अर्थात् प्रधान मनुष्य जिसजिस कर्ममें बर्तता है दूसरे लोग उसके अनुयायी होकर उसउस कर्मका ही आचरण किया करते हैं। तथा वह श्रेष्ठ पुरुष जिसजिस लौकिक या वैदिक प्रथाको प्रामाणिक मानता है लोग उसीके अनुसार चलते हैं अर्थात् उसीको प्रमाण मानते हैं।

Answered by laxminarayan5366
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Answer:

लोकसंग्रह किसको करना चाहिए और किसलिए करना चाहिए शौक आते हैं श्रेष्ठ पुरुष जो कर्म करता है अर्थात प्रधान मनुष्य प्रधान मनुष्य जिस कर्म में बर्ताव है दूसरे लोग उसके अनुयाई हो कर उस कर्म का ही आचरण किया करते हैं तथा वहां श्रेष्ठ पुरुष जिस लौकिक या वैदिक प्रथाको प्रामाणिक मानता है वे लोग उसी के अनुसार चलते हैं अर्थात उसी का प्रमाण मानते हैं

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