प्र.२
प्राचीन भारत में गणित शास्त्र की क्या सिथति थी?
प्र.३ शको का प्रसिद्ध शासक था वो कौन था ?
Answers
यह भी आर्यभट ने सही लिखा है जिसे पता करने का उनके पास कोई साधन नहीं था।
Explanation:
विश्व मोहन तिवारी
पायथागोरस सिद्धान्त सभी शिक्षित लोग जानते हैं, किंतु वे यह नहीं जानते कि वास्तव में इसके रचयिता पायथागोरस नहीं, वरन हमारे वैदिक ऋषि बौधायन ( ८०० ई.पू.) हैं, जिऩ्होंने यह रचना पायथागोरस ( ५७० ई.पू.- ४९५ ई.पू.) से लगभग ३०० वर्ष पहले की थी। ऐसा भी नहीं है कि पायथागोरस ने इसकी रचना स्वतंत्र रूप से की थी, वरन बोधायन के ज्ञान को प्राप्त करके ही की थी।
इसका वर्णन शुल्ब सूत्र (अध्याय १, श्लोक १२) में मिलता है। शुल्ब सूत्र में यज्ञ करने के लिये जो भी साधन आदि चाहिये उनके निर्माण या गुणों का वर्णन है। यज्ञार्थ वेदियों के निर्माण का परिशुद्ध होना अनिवार्य था। अत: उनका समुचित वर्णन शुल्ब सूत्रों में दिया गया है। भिन्न आकारों की वेदी बनाते समय ऋषि लोग मानक सूत्रों (रस्सी) का उपयोग करते थे । ऐसी प्रक्रिया में रेखागणि