प्री प्राइमरी आर एन नंबर
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इस शैक्षिक सत्र से प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चे पढ़ाई भी करेंगे। यहां प्री-प्राइमरी कक्षाएं इसी सत्र से शुरू की जा सकती हैं। वहीं प्रदेश के सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राओं को रोजगारपरक कम्प्यूटर ट्रेनिंग भी देने की योजना है। राज्य सरकार ने ये प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना की बैठक में केन्द्र को भेजे हैं। प्रदेश में 1.25 लाख आंगनबाड़ी केन्द्र हैं।
इस शैक्षिक सत्र से प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चे पढ़ाई भी करेंगे। यहां प्री-प्राइमरी कक्षाएं इसी सत्र से शुरू की जा सकती हैं। वहीं प्रदेश के सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राओं को रोजगारपरक कम्प्यूटर ट्रेनिंग भी देने की योजना है। राज्य सरकार ने ये प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना की बैठक में केन्द्र को भेजे हैं। प्रदेश में 1.25 लाख आंगनबाड़ी केन्द्र हैं।
इस शैक्षिक सत्र से प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चे पढ़ाई भी करेंगे। यहां प्री-प्राइमरी कक्षाएं इसी सत्र से शुरू की जा सकती हैं। वहीं प्रदेश के सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राओं को रोजगारपरक कम्प्यूटर ट्रेनिंग भी देने की योजना है। राज्य सरकार ने ये प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना की बैठक में केन्द्र को भेजे हैं। प्रदेश में 1.25 लाख आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। इनमें लगभग 75 हजार केन्द्र बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की चारदीवारी के भीतर बने हैं। पिछले वर्ष केन्द्र सरकार ने इस मद में राज्य को 17 करोड़ रुपये दिए थे। ये बजट प्री-प्राइमरी के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए था। इसकी जिम्मेदारी एससीईआरटी को सौंपी गई थी।
इस शैक्षिक सत्र से प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चे पढ़ाई भी करेंगे। यहां प्री-प्राइमरी कक्षाएं इसी सत्र से शुरू की जा सकती हैं। वहीं प्रदेश के सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राओं को रोजगारपरक कम्प्यूटर ट्रेनिंग भी देने की योजना है। राज्य सरकार ने ये प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना की बैठक में केन्द्र को भेजे हैं। प्रदेश में 1.25 लाख आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। इनमें लगभग 75 हजार केन्द्र बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की चारदीवारी के भीतर बने हैं। पिछले वर्ष केन्द्र सरकार ने इस मद में राज्य को 17 करोड़ रुपये दिए थे। ये बजट प्री-प्राइमरी के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए था। इसकी जिम्मेदारी एससीईआरटी को सौंपी गई थी।
इस शैक्षिक सत्र से प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चे पढ़ाई भी करेंगे। यहां प्री-प्राइमरी कक्षाएं इसी सत्र से शुरू की जा सकती हैं। वहीं प्रदेश के सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राओं को रोजगारपरक कम्प्यूटर ट्रेनिंग भी देने की योजना है। राज्य सरकार ने ये प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना की बैठक में केन्द्र को भेजे हैं। प्रदेश में 1.25 लाख आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। इनमें लगभग 75 हजार केन्द्र बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की चारदीवारी के भीतर बने हैं। पिछले वर्ष केन्द्र सरकार ने इस मद में राज्य को 17 करोड़ रुपये दिए थे। ये बजट प्री-प्राइमरी के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए था। इसकी जिम्मेदारी एससीईआरटी को सौंपी गई थी। आंगनबाड़ी में यूनिसेफ द्वारा दी जाने वाली पुस्तिका पहल में ही परिवर्तन कर इसे प्री-प्राइमरी के लिए तैयार किया गया है। आंगनबाड़ी में 3 से 5-6 वर्ष तक बच्चे जाते हैं। साढ़े पांच साल तक के बच्चों को प्राइमरी स्कूलों में प्रवेश दिया जाता है। लिहाजा नई शिक्षा नीति में तय किया गया कि 3 वर्ष से ही बच्चों को प्ले ग्रुप के तौर पर पढ़ाया जाए।