Hindi, asked by MissIndia2028, 5 hours ago

पारंपरिक, घरेलू , उबाऊ और खामोश जिंदगी जीने में, आज के हिसाब से, क्रांतिकारी चाहे
कुछ न रहा हो दूसरे की तरह जीने के लिए मजबूर न होने में असली आज़ादी
कुछ ज्यादा ही थी।
इस वाक्य का अर्थ?​

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Answered by senthilmonish
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Answer:

पारंपरिक, घरेलू , उबाऊ और खामोश जिंदगी जीने में, आज के हिसाब से, क्रांतिकारी चाहे

कुछ न रहा हो दूसरे की तरह जीने के लिए मजबूर न होने में असली आज़ादी

कुछ ज्यादा ही थी।

इस वाक्य का अर्थ?

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