प्रारंभ से ही प्रकृति और मनुष्य का अटट संहा है। प्रकृति ने मानव के लिए जीवन यापन तत्वों को प्रदान किया। मनुष्य ने
पक्षों के त, बीज, बड़े आदि खाकर अपनी भूख मिटाई इस प्रकार पेड़ पौधे हमारे जीवनदाता भी है। पेड़ पौधे केत हमें भोजन ही प्रदान नहीं करते हैं बल्कि ऑक्सीजन भी बाहर निकालते हैं। पृथ्वी पर हरियाली के स्रोत पेड़-पौधे ही है। मनुष्य ने बीमारियां बढ़ रही है। पवन संतन के लिए हमें यक्ष काटने के थजाय ब तगाने चाहिए। हमें योजनाबद्ध तरीके से वृक्षारोपण करके वन संरक्षण करना चाहिए। वन संरक्षण हमारा परम कर्तबाहे।
अपने स्वार्थ के लिए तथा अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वन संपदा का अंधा दोहन किया है। इस कारण प्रकृति में संतुलन पैदा हो गया है। पर्यावरण की ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ोतरी से प्रदूषण और धातन
क. पेड़ पौधे हमारे मित्र ही नहीं जीवन दाता भी है. इस काधन का आशय स्पष्ट कीजिए। स- प्राकृतिक असंतुलन क्यों पैदा हो गया है। लिखिए। ग. प्रदूषण और घातक बीमारियों के बढ़ने के क्या कारण है? स्पष्ट कीजिए।
ध. पवरण संतान के लिए हमें क्या करना चाहिए?
Answers
Answered by
0
Answer:
sissy gangetic kanta also raksha lalchand children Geoff your Russia historian TCP tick uff ahh was all in is em is em is well is em is well uff well video in do ya go is do ya go uff em
Explanation:
Sierra good tongue flash distance Ishrat fax concham vishist whatsapp vitamin video Parmod iss Usual idiots Disick
Similar questions