प्रेरक व्यक्तितव : महाराणा प्रताप सिंह पर निबंध
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Explanation:
महाराणा प्रताप अपने दादा राणा सांगा के समान एक अच्छे योद्धा थे। उनके पिता द्वारा, अकबर से डरकर चितौड़ छोड़ना उनको बिल्कुल अच्छा नहीं लगा था। वह चितौड़ को अकबर के चंगुल से छुड़वाना चाहते थे। अतः उन्होंने प्रतिज्ञा की कि ‘वह जब तक चितौड़ वापस नहीं ले लेंगे तब तक से भूमि पर सोयेंगे, पत्तों पर भोजन करेंगे व अपनी मूछों पर ताव नहीं देंगे।’
अकबर एक नीतिकुशल सम्राट था। उसने बहुत से राज्यों को जीता था। महाराणा प्रताप पर विजय हासिल करने के लिये उसने अपने सेनापति को एक बड़ी सेना देकर भेजा। सन् 1576 ई. में हुआ हल्दी घाटी का युद्ध बहुत प्रसिद्ध है। महाराणा प्रताप ने मुट्ठी पर सैनिकों के साथ अकबर की विशाल सेना का मुकाबला किया, किन्तु अंत में अपने प्रिय घोड़े चेतक के साथ वह जंगलों में भाग गये।
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महाराणा प्रताप अपने दादा राणा सांगा के समान एक अच्छे योद्धा थे। उनके पिता द्वारा, अकबर से डरकर चितौड़ छोड़ना उनको बिल्कुल अच्छा नहीं लगा था। वह चितौड़ को अकबर के चंगुल से छुड़वाना चाहते थे। अतः उन्होंने प्रतिज्ञा की कि ‘वह जब तक चितौड़ वापस नहीं ले लेंगे तब तक से भूमि पर सोयेंगे, पत्तों पर भोजन करेंगे व अपनी मूछों पर ताव नहीं देंगे।’
अकबर एक नीतिकुशल सम्राट था। उसने बहुत से राज्यों को जीता था। महाराणा प्रताप पर विजय हासिल करने के लिये उसने अपने सेनापति को एक बड़ी सेना देकर भेजा। सन् 1576 ई. में हुआ हल्दी घाटी का युद्ध बहुत प्रसिद्ध है। महाराणा प्रताप ने मुट्ठी पर सैनिकों के साथ अकबर की विशाल सेना का मुकाबला किया, किन्तु अंत में अपने प्रिय घोड़े चेतक के साथ वह जंगलों में भाग गये।
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