English, asked by taslim917024, 4 days ago

प्रारम्भ में छोटे इंजनों को ही बनाने में सफलता प्राप्त की गयी थी। उसके बाद ही रेलगाड़ी जैसे भारी-भरकम इंजन को बनाने और चलाने में सफलता प्राप्त की गयी। रेलगाड़ियों के परिचालन में अत्यन्त भार के कारण इसके पहियों को प्रारम्भिक गति देने में बहुत अधिक शक्ति की आवश्यकता होती है लेकिन जब ये एक बार घूम जाते हैं तब ये स्वयं बलवान हो जाते हैं। इसी प्रकार से सफलता के पहियों का भी एक बार

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Answered by rnd7469
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Answer:

आपकी राय सही है। मैं भी आपकी राय से सहमत हूँ। बिना मेहनत के सफलता कभी नहीं मिलती। एक दिन आएगा। हमें बस इंतजार करना होगा। आईना सही टाइन आता है, सफलता मिलेगी। लेकिन मैं नहीं कर सकता समझें कि आपने हिंदी को अंग्रेजी विषय में क्यों रखा। यह अत्यधिक दुखी कर रहा है। अगली बार से सावधान रहें।

Explanation:

And don't forget to mark me as brainliest answer.

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