प्रेरणादायक लखुकथा लिखिए|
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यह कहानी युगों–युगों से कही और बताई जाती रही है, लेकिन निश्चित रूप से यह एक ऐसी कहानी है जो आपके बच्चे को एक महत्वपूर्ण सीख देती है जो जीवनभर उसके साथ रहता है। आप इस कहानी का क्लासिक रूप भी बच्चों को सुना सकते हैं या कुछ वेरियशन के साथ भी सुना सकते हैं जो कि आपके बच्चे को सीखने के लिए एक मूल्यवान पाठ सबित होगा ।
खरगोश न केवल एक सुंदर सा पशु है, बल्कि अपनी गति और चतुराई के लिए भी जाना जाता है। दूसरी ओर, कछुए काफी सरल हैं और निश्चित रूप से, जीवन के सभी पहलुओं में धीमे हैं।
एक दिन, खरगोश ने सोचा क्यों न कछुए से दौड़ लगाई जाए। उसने कछुए से पूछा और कछुआ सहमत हो गया, और दौड़ शुरू हो गई।
दौड़ में खरगोश कछुए से काफी आगे निकल गया क्योंकि वह बहुत तेज रनर था। खरगोश को अपने तीव्रता पर घमंड था और उसने सोचा कि वह एक झपकी लेकर उठ भी जाएगा तब भी वह कछुए से जीत जाएगा। और उसने ऐसा ही किया, फिनिशिंग लाइन से ठीक पहले, कुछ दूरी पर वह एक पेड़ के नीचे सो गया। वह आश्वस्त था कि वह आसानी से जीत जाएगा, भले ही वह कुछ समय के लिए सो गया हो।
दूसरी ओर, कछुआ, खरगोश की तुलना में काफी धीमा था। हालांकि, वह बिना रुके दौड़ लगाता रहा। धीरे–धीरे ही सही पर कछुआ फिनिशिंग लाइन तक पहुँचने में कामयाब रहा, और खरगोश हाथ मलता रह गया।
कहानी से सीख
जब तक आप नियमित और दृढ़ हैं, आप हमेशा जीतेंगे, चाहे आपकी गति कुछ भी हो। आलस्य और घमंड हमारा सबसे बड़ा शत्रु है, इससे दूर रहा चाहिए।
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माँ, हमारे पीठ पर ये जो कूबड़ है ये किसलिए होती है ?” “बेटा, जब हम रेगिस्तान में दूर का सफ़र करते हैं तो रास्ते में हमें खाने-पीने की चीजें नहीं मिलती। उस समय के लिए खाना हमारे कूबड़ में सुरक्षित रहता है और सफ़र के दौरान हमें खाने की कमी न हो इसलिए हमारी पीठ पर ये कूबड़ होती है।