पुरुष प्रधान समाज में नारी का संघर्ष , घर - परिवार की सीमाओं से बाहर नई चुनौतियाँ। विविध क्षेत्र में नारी योगदान
दे रही है। नारी और नौकरी दोहरी भूमिका कितनी संभव है ,कितनी ज़रूरी है इसपर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट कीजिए। ( in approx 250 words)
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नारी की इस दोहरी भूमिका ने समाज में उसे घर से बाहर रहकर उसके नए सिरे से शुरुआत की है आज नर्क क्या नहीं कर सकती घर के काम से लेकर हवाई जहाज जैसे बड़े बड़े मुकाम पर कार्य कर रही है अगर इसी तरह नारी आगे बढेंगी तो आगे चलकर वे पुरुष के साथ मिलकर काम करेंगी यह अच्छी बात है और मेरा यह कहना है की नारी भी इसी प्रगतिशील समाज का हिस्सा बन पाएंगी। चुनौती का सामना करके नारी आगे बढ़ पाएंगी जिससे नई पीढ़ी के लिए वे एक मिसाल कायम करेंगी।।।
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This is ur half essay......
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Mark as brainlist ....
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