पुरुषार्थ और भाग्य की निबंध की रूपरेखा
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भाग्य और पुरुषार्थ दो ऐसे शब्द हैं, जो व्यक्ति की जीवन को बदल देते हैं। पुरुषार्थ अर्थात परिश्रम या मेहनत। जो व्यक्ति अपने जीवन में परिश्रम करता है वह अपने जीवन की हर ऊंचाइयों को प्राप्त करता है। ... भाग्य के सहारे केवल वही व्यक्ति बैठता है, जो अपना कर्म ठीक ढंग से नहीं करता है।
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भाग्य और पुरुषार्थ दो ऐसे शब्द हैं, जो व्यक्ति की जीवन को बदल देते हैं। पुरुषार्थ अर्थात परिश्रम या मेहनत। जो व्यक्ति अपने जीवन में परिश्रम करता है वह अपने जीवन की हर ऊंचाइयों को प्राप्त करता है। जो भाग्य के सहारे बैठा रहता है और कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकता।
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