पुरुषार्थ पशु पेष्टा से कैसे भिन्न और श्रेष्ठ हे
Answers
Answered by
0
Answer:
बल-विकास तो पशु में ज्यादा होता है। दौड़-धूप निश्चय ही पशु अधिक करता है, लेकिन यदि पुरुषार्थ पशु चेष्टा के अर्थ से कुछ भिन्न और श्रेष्ठ है। तो इस अर्थ में कि वह केवल हाथ-पैर चलाना नहीं है, न क्रिया का वेग और कौशल है, बल्कि वह स्नेह और सहयोग भावना है। सूक्ष्म भाषा में कहें तो उसकी अकर्तव्य-भावना है।
Explanation:
thanks for the question
Similar questions