Hindi, asked by slalbhan, 9 months ago

प्रातः काल भ्रमण के लिए नियमित रूप से जाने की सलाह देते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए

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Answered by Rishabhmaahakaal123
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Answer:

परीक्षा भवन,

                                                                                      अबस मार्ग,

                                                                                          यरल।

                                                                                 दिनांकः 22 मई, 2019

प्रिय अनुज लक्ष्मण,

      स्नेहाशीष।

     तुम्हारा पत्र कल ही मिला था। तुमने बताया कि तुम भी दादाजी के साथ प्रातः भ्रमण पर जाने लगे हो और उनकी अनुभवी बाते सुनने का अवसर पा रहे हो। इसके साथ ही मैं तुम्हें यह बताना चाह रहा हूं कि न सिर्फ तुम्हें उनकी ज्ञानवर्धक बातें सुनने को मिल रही हैं अपितु इसके साथ ही प्रातः भ्रमण का भी लाभ मिल रहा हैं।

   प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त होता हैं। इस समय वातावरण एकदम साफ होता हैं। स्वच्छ एवं स्वास्थयवर्धक प्राणवायु हमारे फेफड़ो में जाती हैं। जो हमें आलस्य से रहित और स्वस्थ बनाती हैं। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग होता हैं। इससे हमारी दिमागी क्षमता भी बढ़ती हैं। साथ ही शरीर में रक्त संचार भी सही तरीके से हो जाता हैं।

  इसलिए मैं बड़ा भाई होने के नाते यह सलाह देना चाहूंगा कि प्रातः भ्रमण जो तुमने दादाजी के साथ शुरू किया हैं, इसे नियमित बनाए रखना।

    मेरी पढ़ाई अच्छी चल रहीं हैं। शेष सब कुशल हैं। दादाजी, पिताजी और माता जी को मेरा चरण स्पर्श कहना।

तुम्हारा अग्रज

                                              कखग

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