Hindi, asked by jordeeprandhawa, 7 months ago


प्रातः काल मंगल दर्शन के लिए सात पदार्थ शुभ माने गए हैं। गोरोचन, चंदन, स्वर्ण, शंख, मृदंग,
दर्पण और मणि साथिया इन में से किसी एक का दर्शन अवश्य करना चाहिए। सोच दतधावन, स्नान
ध्यान, भोजन, भजन और शयन साथ कार्य मानव जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अतः नित्य
कर्म के रूप में इतने अवश्य करना चाहिए। शास्त्रों में माता, पिता, गुरु, ईश्वर, सूर्य, अग्नि और
अतिथि इन सातों को अभिवादन करना अनिवार्य बताया गया है। ईर्ष्या, दवेष, क्रोध, लोग, मोह,
घृणा और विचार यह सात आंतरिक अशुद्धियां बताई गई है। अतः इनसे बचने के लिए सदैव चेस्ट
सचेष्ट रहना चाहिए, क्योंकि इनके रहते बहयशुद्धि, पूजा पाठ, मंत्र-जाप, दान-पुण्य, तीर्थ यात्रा,
ध्यान-योग तथा विद्या -ज्ञान यह सातो निष्फल ही रहते है। अतः मानव जीवन में सात सदाचारों का
स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। इनका पालन करने से यह सात विशिष्ट लाभ- जीवन में सुख शांति, भय
का नाश विष से रक्षा , जान, बल और विवेक की वृद्धि होती है। नित्यकर्म पूजा प्रकाश में कहां
गया है कि दैनिक जीवन में छोटी- से -छोटी अनेक ऐसी क्रियाएं हैं, जिनमें साथ की संख्या का महत्व
परिलक्षित होता है। अब तो सुबह को शहरों में टूथ ब्रश और टूथपेस्ट का परिचालन हो गया है। किंतु
आयुर्वेद के अनुसार दांतो की सफाई करने के लिए आम, नीम, बेल, बबूल, गूलर, करंज तथा खैर-
इंसात हरे वृक्षों की टहनी से बनी दातौन अच्छी मानी जाती है। लसोटा पलाश कपास, नील, धन,
कुछ और काश-इन हार्थों से बनी दातों से दांत साफ करना वर्जित कहा गया है। शनिवार के दिन बाल
नाखून काटने से उस दिन के अभिमानी देवता 7 माह की आयु शंकर देते हैं तथा सोमवार को बाल
नाखून काटने से सात माह की आयु वृद्धि होती है।​

Answers

Answered by nithyakp
2

Answer:

sry i can't understand hindi and its too lengthy

Answered by Anonymous
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प्रश्न

उपुर्युक्त गद्यांश को उचित शीर्षक दीजिए।

उत्तर

दिए गए गद्यांश के लिए उचित शीर्षक होगा

सात सदाचार

अथवा

हमारे नित्य कर्म

उपुर्युक्त गद्यांश का सार

हमें नित्य उठते ही सात सदाचारों में से किसी एक के दर्शन करने चाहिए। हमें सवेरे स्नान करके प्रभु का नाम लेना चाहिए।

भोजन, भजन तथा ध्यान ये आवश्यक कार्य हैं।

हमें द्वेष तथा ईर्ष्या उस प्रकार की अशुद्धियों से बचना चाहिए। माता पिता का आदर करना चाहिए।

दांतो को साफ करने के लिए टूथपेस्ट नहीं आयुर्वेदिक वस्तुओं जैसे बबूल, नीम ,खैर इन वृक्षों का दातुन प्रयोग करना चाहिए।

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