Hindi, asked by mohitkhushbu4, 2 months ago

प्रोटीनों के विकृतिकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

किसी जीवधारी की कोशिकाओं में या ऊतकों में विशिष्ट रासायनिक व भौतिक प्रोटीन अवस्थाओं के अन्तर्गत उसमें पाए जाने वाले संरूपण को प्रोटीन जैविक रूप से सक्रिय रहता है। प्रोटीन की द्वितीयक, तृतीयक व चतुर्थक संरचना को अनुरक्षित रखने के लिए रासायनिक बंध दुर्बल होते हैं जो वातावरणीय परिवर्तनों से भंग हो जाते हैं, जिससे जैविक क्रियाशीलता में कमी आ जाती है। इसे प्रोटीन का विकृतिकरण कहते हैं।

चार्ल्स गुडइवर ने सबसे पहले प्राकृतिक रबर का तनन सामर्थ्य बढ़ाने के लिए गंधक के साथ गरम किया गंधक प्राकृतिक रबर में उपस्थित द्विबंधों पर क्रिया कर गंधक संतु बनाता है। इस प्रक्रिया को वल्कनीकरण कहते हैं तथा वल्कनीकृत रबर कठोर, तापरोधी व उपयोगी हो जाता है।

NMR स्पेक्ट्रॉस्कोपी के संदर्भ के रूप में TMS का उपयोग किया जाता है। TMS (टेट्रा मिथाइल सिलेन) जिसमें सारे प्रोटॉन एक जैसे हैं व सिलिकॉन की कम विद्युतऋणता के कारण इसके प्रोटॉन का परिरक्षण उच्चतम होता है व इसका अवशोषण निम्नतम चुम्बकीय क्षेत्र Oppm पर होता है। इस TMS के सिग्नल को मानक मानकर TMS के सापेक्ष किसी भी प्रोटॉन का रासायनिक शिफ्ट का मान ज्ञात कर सकते हैं।

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