प्रात+नभ+था-+बहुत+नीला+शंख+जैसे+कविता+में+कवि+क्या+कहना+चाहता+है?
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व्याख्या - प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रातःकाल के सूर्योदय का मनोहारी चित्रण प्रस्तुत किया है . कवि कहता है कि प्रातःकालीन आकाश नीले शंख जैसे प्रतीत हो रहा है . ... व्याख्या - सूर्योदय के साथ आकाश पहले काली सिल जैसे प्रतीत होती हैं लेकिन काली सिल को सूर्य के उदय के साथ ही लाल केसर से धो दिया गया है .
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