Hindi, asked by anuraagfive, 10 months ago

'प्रीति-नदी में पाउॅं न बोरयौ' का आशय स्पष्ट कीजिए।
class 10 Surdas ke padh​

Answers

Answered by ItzAditt007
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\huge{\mathcal{\blue{\underline{\underline{\pink{HeYa!!!}}}}}}

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▪︎ 'प्रीति-नदी में पाउॅं न बोरयौ' कहकर गोपियां uddhav ke upar vyangya krti hai.

▪︎ Iske madhyam se vah kehna chahti hai ki हे uddhav tum shri krishna ke itne nikt rehkr bhi unke preeti ndi ke smaan prem se अछूते ho.

▪︎ Aisa to tum jaise vykti ke saath hi ho skta hai jo itna पाषाड़ aur निष्ठुर ह्रदय vala ho.

Hope this will help you if it HELPS then plz mark my answer as BRAINLIEST.

And remember to always keep a smile on face:)

<marquee>✌✌THANKS✌✌</marquee>

Answered by aroranishant799
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Answer:

प्यार की नदी में मत डालो' यानी प्यार की नदी में अपने पैर मत डुबोओ। यानी न किसी से प्यार करना और न ही प्यार की अहमियत को समझना। यह उन उद्धवों के लिए कहा गया है, जो कृष्ण के निकट होते हुए भी उनके प्रेम से अछूते रहे।

Explanation:

उद्धव को भाग्यशाली कहने वाली गोपियों की विडंबना यह है कि वे उद्धव को अशुभ बताते हैं। वह कहना चाहती है कि उद्धव, श्रीकृष्ण के निकट होने के बाद भी आप उनके प्रेम से वंचित हैं और इतनी निकटता के बाद भी आपके मन में श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम विकसित नहीं हो सका। ऐसा आप जैसे भाग्यशाली व्यक्ति के साथ ही हो सकता है, जो इतना निर्दयी और पत्थर दिल वाला होगा, यानी गोपियां कहना चाहती हैं कि उद्धव जैसा बदकिस्मत शायद ही कोई हो।

#SPJ2

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