Hindi, asked by penwriter, 6 months ago

'प्रीति नदी में पाउँ न बोरयो से क्या आशय है?​

Answers

Answered by manisimha1
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Answer:

प्रीति नदी में पाउँ न बोयो' का आशय है कि-प्रेम रूपी नदी में पैर न डुबोना। अर्थात् किसी से प्रेम न करना और प्रेम का महत्त्व न समझना।

Answered by ayansalmani991
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Explanation:

'प्रीति नदी में पाउँ न बोयो' का आशय है कि-प्रेम रूपी नदी में पैर न डुबोना। अर्थात् किसी से प्रेम न करना और प्रेम का महत्त्व न समझना। ऐसा उन उद्धव के लिए कहा गया है, जो कृष्ण के पास रहकर भी उनके प्रेम से अछूते बने रहे।

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