प्रीति तृतीय संक्रमण श्रेणी के अंतिम तत्व का परमाणु क्रमांक है
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प्रीति तृतीय संक्रमण श्रेणी या रेडोन श्रेणी, आयोडीन के बाद आती है। प्रीति तृतीय संक्रमण श्रेणी में धातुओं के परमाणु संख्या 57 से 71 तक होती है। प्रीति तृतीय संक्रमण श्रेणी के तत्वों को लंथनाइड भी कहते हैं।
Explanation:
प्रीति तृतीय संक्रमण श्रेणी के तत्व बहुत ही कम मात्रा में हमारी प्रकृति में पाए जाते हैं। इन तत्वों का उपयोग विभिन्न उद्योगों में होता है। यह तत्व लैंथनाइड श्रृंखला के अंतिम 15 तत्वों से मिलकर बने होते हैं।
प्रीति तृतीय संक्रमण श्रेणी के तत्वों के परमाणु क्रमांक 57 से लेकर 71 तक होते हैं। इन तत्वों में बाड़, समरियम, यूरोपियम आदि तत्व शामिल होते हैं। इन तत्वों की प्रमुख विशेषता इनकी धातुवीय गुणवत्ता होती है जो उन्हें उद्योगों में उपयोगी बनाती है।
इस प्रकार, प्रीति तृतीय संक्रमण श्रेणी के तत्वों का परमाणु क्रमांक 57 से 71 तक होता है। ये तत्व धातुओं में उपयोगी होते हैं और उद्योगों में बहुत जरूरी होते हैं। कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को निम्नलिखित रूप से समझाया जा सकता है:
- प्रीति तृतीय संक्रमण श्रेणी के तत्व धातुओं के निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, बिजली उत्पादन, इंजीनियरिंग, चिकित्सा उपकरण आदि में उपयोगी होते हैं।
- इन तत्वों के उपयोग के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं: समरियम धातु का उपयोग जीवाणुओं के संश्लेषण के लिए होता है, बाड़ धातु का उपयोग नियंत्रित प्रकाश के उत्पादन के लिए होता है और यूरोपियम धातु का उपयोग कम वोल्टेज ट्रांसफार्मर बनाने में किया जाता है।
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