पुरातात्विक स्रोत किसे कहते है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। answer Hindi me
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¿ पुरातात्विक स्रोत किसे कहते है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए ?
✎... पुरातात्विक स्रोत से अभिप्राय उन स्रोतों से होता है, जो प्राचीन इतिहास से संबंधित होते हैं। जिनके माध्यम से इतिहासकार या पुरातत्वेत्ता प्राचीन इतिहास के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करते हैं।
इतिहासकार या पुरातत्ववेत्ता प्राचीन काल की जानकारी एकत्रित करने के लिए कुछ साधनों की सहायता लेते हैं, यह साधन ही पुरातात्विक स्रोत कहलाते हैं। इन प्राकृतिक स्रोतों में प्राचीन काल में उपयोग किए जाने वाले औजार, प्राणियों के जीवाश्म, बर्तन, पात्र, भोजपत्र, आभूषण, शिलालेख, अभिलेख, इमारतें, चित्र, प्राचीन ग्रंथ, सहित्य, पांडुलिपियां आदि हैं। इन स्रोतों के माध्यम से वैज्ञानिक प्रक्रिया द्वारा अध्ययन एवं अवलोकन करके तत्कालीन इतिहास के संदर्भ में जानकारी जुटाई जाती है।
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Answer:
आपने बहुत ही अच्छा प्रश्न पूछा है क्योंकि यह प्रश्न आज के समय मे सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा की दृष्टि से बहुत important है। फिर चाहे वह परीक्षा group D की हो या लोकसेवा आयोग की IAS व PCS हो।
पुरातात्विक स्रोत किसे कहते हैं यह जानने से पूर्व हमें यह आवश्यक है कि हम पुरातत्व किसे कहते हैं इसको जान ले। पृथ्वी में दबी हुई प्राचीन काल की पुरावस्तुओं अवशेषों का अध्ययन करके तथ्य ज्ञात करना ही पुरातत्व कहलाता है। दूसरे शब्दों में पुरातत्व वह विज्ञान है जिसके अंतर्गत हम अतीत के गर्भ में विलुप्त मानव संस्कृतियों का अध्ययन करते है।"
पुरातत्व को समझने के बाद पुरातात्विक स्रोत को समझना अब आसान हो गया है।
हम अच्छी तरह से जानते हैं कि इतिहास को किसी न किसी स्रोत के माध्यम से ही जाना जा सकता है इन्ही स्रोतों को हम ऐतिहासिक स्रोत की संज्ञा प्रदान करते हैं। इन स्रोतों की यदि बात करें तो यह तीन प्रकार के हो सकते हैं-
1. साहित्यिक स्रोत
2. पुरातात्विक स्रोत
3. विदेशी यात्रियों के विवरण
साहित्यिक स्रोत के अंतर्गत हम उन साहित्यों को मानते हैं जिनके माध्यम से किसी न किसी रूप से इतिहास की जानकारी मिलती है।
पुरातात्विक स्रोतों का आशय उस वक्त से है जिसका आधार पुरातत्व हो। अर्थात पृथ्वी के अंदर बहुत प्राचीन काल से दबी हुई वस्तुओं के माध्यम से हमें इतिहास की जानकारी मिलती है अतः इसी स्रोत को हम पुरातात्विक स्रोत के रूप में जानते हैं।
विदेशी यात्रियों की विवरण में हम उन विदेशी यात्रियों के यात्रा वृतांत जीवनी अथवा साहित्य को लेते हैं जिनसे हमें इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है। इस प्रकार के स्रोतों को हम विदेशी विवरण अथवा विदेशी यात्रियों के विवरण के नाम से जानते हैं।
Explanation:
पुरातात्विक स्रोत को विस्तार से व्याख्यायित करना यहाँ थोड़ा सम्भव नहीं है। अतः आप पुरातात्विक स्रोत को विस्तार पूर्वक उदाहरण सहित समझना चाहते हैं (जो कि आज के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण व उपयोगी है।) तो आप ऊपर की फ़ोटो में दी गयी लिंक पर जाकर अब तक कि सबसे अच्छी व विश्वसनीय जानकारी पढ़ें।
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धन्यवाद
आकाश प्रजापति
(कृष्णा)