प्रातहि जगावत गुलाब चटकारी दै’- इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए
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इस पंक्ति का भाव यह है कि वसंत रुपी बालक, पेड़ की डाल रुपी पालने में सोया हुआ है। प्रात:काल (सुबह) होने पर उसे गुलाब का फूल चटकारी अर्थात् चुटकी दे कर जगा रहा है।
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