पुरातन बहुलवाद की मुख्य धाराएँ क्या हैं?
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बहुलवाद एक प्रतिकियास्वरूप सिद्धान्त है। ... बहुलवाद वह सिद्धान्त है जिसके अनुसार समाज मे आज्ञापालन कराने की शक्ति एक ही जगह केंद्रित नही होती,बल्कि वह अनेक समूहों में बिखर जाती है। ये समूह मानव की भिन्न भिन्न आवश्यकताए पूरी करने का दावा करते हैं।
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Answer: बहुलवाद एक सिद्धांत का नाम है, यह सिद्धांत यह दावा करता है की समाज में अलग अलग जगहों पर आज्ञापलन करने की शक्ति होगी यानी की आज्ञपालन कराने की शक्ति केवल एक स्थान पर ही नही केंद्रित होगी बल्कि समाज में अलग अलग जगहों पर देखी जा सकती है।
Explanation: यह राजनीतिक शक्ति होती है जिनका विभाजन अलग अलग स्तर पर किया जाता है।
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